Monday, 31 January 2022
#Sample Question Paper 2021-22
Friday, 28 January 2022
#PPC2022
Monday, 24 January 2022
#National Girl Child Day
Sunday, 23 January 2022
#Quiz
Saturday, 22 January 2022
Netaji Subhash Chandra Bose jayanti
On the occasion of Netaji Subhash Chandra Bose jayanti, let's join the live interaction on 23 Jan. 2022 from 02:00 pm to 03:00 pm by connecting to #PMeVIDYA DTH TV channel #1 to 12. Interact with experts on #IVRS PMeVIDYA; 88004 40559;
#PPC 2022
#आज की कहानी
नदी का घमंड
एक बार नदी ने समुद्र से बड़े ही गर्वीले शब्दों में कहा बताओ पानी के प्रचंड वेग से मैं तुम्हारे लिए क्या बहा कर लाऊं ? तुम चाहो तो मैं पहाड़, मकान, पेड़, पशु, मानव आदि सभी को उखाड़ कर ला सकती हूं ।
समुद्र समझ गया कि नदी को अहंकार आ गया है । उसने कहा, यदि मेरे लिए कुछ लाना ही चाहती हो तो थोड़ी सी घास उखाड़ कर ले आना । समुद्र की बात सुनकर नदी ने कहा, बस, इतनी सी बात ! अभी आपकी सेवा में हाजिर कर देती हूं । नदी ने अपने पानी का प्रचंड प्रवाह घास उखाड़ने के लिए लगाया परंतु घास नहीं उखड़ी । नदी ने हार नहीं मानी और बार-बार प्रयास किया पर घास बार-बार पानी के वेग के सामने झुक जाती और उखड़ने से बच जाती । नदी को सफलता नहीं मिली ।
थकी हारी निराश नदी समुंद्र के पास पहुंची और अपना सिर झुका कर कहने लगी, मैं मकान, वृक्ष, पहाड़, पशु, मनुष्य आदि बहाकर ला सकती हूं परंतु घास उखाड़ कर नहीं ला सकी क्योंकि जब भी मैंने प्रचंड वेग से खास पर प्रहार किया उसने झुककर अपने आप को बचा लिया और मैं ऊपर से खाली हाथ निकल आई ।
नदी की बात सुनकर समुद्र ने मुस्कुराते हुए कहा, जो कठोर होते हैं वह आसानी से उखड़ जाते हैं लेकिन जिसने घास जैसी विनम्रता सीख ली हो उसे प्रचंड वेग भी नहीं अखाड़ सकता । समुद्र की बात सुनकर नदी का घमंड भी चूर चूर हो गया ।
विनम्रता अर्थात् जिसमें लचीलापन है, जो आसानी से मुड़ जाता है, वह टूटता नहीं । नम्रता में जीने की कला है, शौर्य की पराकाष्ठा है । नम्रता में सर्व का सम्मान संचित है । नम्रता हर सफल व्यक्ति का गहना है । नम्रता ही बड़प्पन है । दुनिया में बड़ा होना है तो नम्रता को अपनाना चाहिए । संसार को विनम्रता से जीत सकते हैं । ऊंची से ऊंची मंजिल हासिल कर लेने के बाद भी अहंकार से दूर रहकर विनम्र बने रहना चाहिए ।
शिक्षा:-
विनम्रता के अभाव में व्यक्ति पद में बड़ा होने पर भी घमंड का ऐसा पुतला बनकर रह जाता है जो किसी के भी सम्मान का पात्र नहीं बन पाता । स्थान कोई भी हो, विनम्र व्यक्ति हर जगह सम्मान हासिल करता है । जहां विरोध हो जहां प्रतिरोध और बल से काम नहीं चल सकता । विनम्रता से ही समस्याओं का हल संभव है । विनम्रता के बिना सच्चा स्नेह नहीं पाया जा सकता । जो व्यक्ति अहंकार और वाणी की कठोरता से बचकर रहता है वही सर्वप्रिय बन जाता है ।
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